भारत में 3000 साल से उगाया जा रहा कोदो(Kodo Millet) एक सुपरफूड है।
आज के दौर में ऐसे बहुत से लोग हैं जो गेहूं और चावल की जगह अलग-अलग मिलेट्स को अपने आहार में शामिल कर रहे हैं। ज्वार, बाजरा, कंगनी, कोदो, रागी जैसे अनाज को मिलेट्स कहते हैं।
प्राचीन समय से उगाये जा रहे ये मिलेट्स, गेहूं और चावल के मुक़ाबले में ज्यादा पोषक और स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होते हैं।कोदो ग्लूटन-फ्री होता है। इसमें प्रोटीन और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है और फैट की मात्रा काफी कम। कोदो को पचाना बहुत ही आसान होता है।
कैसे पकाये?
सबसे अच्छी बात यह है कि मिल्लेट्स को 6-8 घंटे भिगोने से फाइटिक एसिड टूट जाता है और पचने में आसानी होती है। यदि आप मिल्लेट्स पकाने की योजना बना रहे हैं, तो इसे रात भर भिगो दे।
Kodo Millet को खीर,चावल,रोटी,खिचड़ी दलिया, पोहा, डोसा, इडली, और रोटी किसी भी तरह से खाया जा सकता है।